EPFO Update 2025: पीएफ मेंबर्स के लिए बड़े बदलाव, अब एडवांस विड्रॉ और फुल सेटलमेंट के नियम पूरी तरह बदल गए!

भारत में करोड़ों कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर आई है। 13 अक्टूबर को हुई ईपीएफओ (EPFO) की 238वीं सीबीटी (Central Board of Trustees) मीटिंग में ऐसे कई फैसले लिए गए हैं जो हर पीएफ मेंबर को सीधे प्रभावित करने वाले हैं।
नई दिल्ली में हुई इस बैठक के बाद श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने प्रेस रिलीज जारी कर दी है। आइए जानते हैं सिंपल और आसान भाषा में कि इस मीटिंग में क्या बड़े बदलाव हुए हैं और यह आपके लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं।
1. अब पुराने 13 एडवांस पैराग्राफ खत्म – सिर्फ 3 कैटेगरी में होगा पीएफ एडवांस विड्रॉ
पहले EPFO में एडवांस विड्रॉ के लिए 13–14 अलग-अलग पैराग्राफ होते थे, जिनमें हर एक का नियम अलग था। लेकिन अब इसे सिंपल बनाते हुए तीन मुख्य कैटेगरी में बाँट दिया गया है:
- ज़रूरी आवश्यकताएँ – बीमारी, शिक्षा, विवाह
- आवास आवश्यकता – घर बनाना, खरीदना या लोन चुकाना
- विशेष परिस्थिति – प्राकृतिक आपदा, कंपनी बंद होना, महामारी आदि
अब हर मेंबर को सिर्फ इन तीन कैटेगरी में से चुनना होगा और एडवांस क्लेम लगा सकता है। यह बदलाव पीएफ प्रक्रिया को काफी सरल बनाएगा।
2. अब आप निकाल सकेंगे 100% पीएफ (कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का हिस्सा)
पहले एडवांस विड्रॉ में केवल कर्मचारी का हिस्सा (Employee Share) ही निकाला जा सकता था।
नियोक्ता (Employer) का हिस्सा केवल कुछ खास परिस्थितियों (जैसे घर निर्माण) में ही मिलता था।
लेकिन अब EPFO ने साफ कर दिया है कि —
“सदस्य कर्मचारी और नियोक्ता के हिस्से का 100% हिस्सा एडवांस में निकाल सकते हैं।”
इसका मतलब है कि अब आप अपने PF अकाउंट से पूरा बैलेंस एडवांस में निकाल सकेंगे (कुछ शर्तों के साथ)।
3. एजुकेशन और मैरिज एडवांस लिमिट बढ़ाई गई
पहले शादी के लिए केवल 1 बार और शिक्षा के लिए 3 बार ही पीएफ एडवांस निकाला जा सकता था।
अब इसमें बड़ा बदलाव हुआ है –
- शिक्षा के लिए: अब 10 बार तक निकाल सकते हैं 🎓
- शादी के लिए: अब 5 बार तक निकाल सकते हैं 💍
यह बदलाव खासकर मध्यमवर्गीय कर्मचारियों के लिए बहुत राहत भरा है।
4. सर्विस पीरियड अब सिर्फ 1 साल की जरूरी
पहले पीएफ एडवांस लेने के लिए सर्विस कम से कम 5 से 7 साल की होनी जरूरी थी।
अब EPFO ने इसे घटाकर सिर्फ 12 महीने (1 साल) कर दिया है।
इसका मतलब है —
अगर आपने सिर्फ एक साल भी नौकरी की है, तो अब आप एडवांस में पीएफ का पैसा निकाल सकते हैं।
यह बदलाव नए कर्मचारियों के लिए बहुत बड़ा फायदा लेकर आया है।
5. एडवांस क्लेम के लिए अब नहीं देना होगा कोई प्रूफ या कारण
पहले अगर किसी को प्राकृतिक आपदा, महामारी, या कंपनी बंद होने की वजह से एडवांस निकालना होता था,
तो कई तरह के प्रूफ और डॉक्युमेंट देने पड़ते थे।
लेकिन अब EPFO ने यह झंझट खत्म कर दिया है।
अब किसी भी तरह का प्रूफ या कारण बताना जरूरी नहीं होगा।
बस संबंधित कैटेगरी चुनें और क्लेम सबमिट करें — रिजेक्शन की संभावना लगभग शून्य रहेगी।
6. पीएफ ब्याज पर बड़ा नियम – अब 25% बैलेंस रखना जरूरी
यह फैसला थोड़ा तकनीकी है लेकिन बहुत अहम।
अब EPFO ने कहा है कि हर सदस्य को अपने पीएफ अकाउंट में कम से कम 25% बैलेंस हमेशा बनाए रखना होगा।
यानी अगर आप पूरा पैसा निकाल लेते हैं, तो आपको इंटरेस्ट और कंपाउंडिंग (ब्याज पर ब्याज) का फायदा नहीं मिलेगा।
अगर आप ब्याज का लाभ लगातार चाहते हैं, तो अकाउंट में 25% राशि रखना अनिवार्य होगा।
7. अब 100% क्लेम होंगे ऑटो सेटल
EPFO ने यह भी ऐलान किया है कि अब सारे एडवांस क्लेम ऑटोमेटेड सिस्टम से सेटल किए जाएंगे।
इससे मैनुअल इंटरफेरेंस कम होगा और क्लेम रिजेक्शन की समस्या भी घटेगी।
अब आपका क्लेम EPFO सॉफ्टवेयर द्वारा 100% ऑटो–सेटल किया जाएगा।
इससे पैसे जल्दी मिलने की संभावना बढ़ेगी और प्रक्रिया पारदर्शी बनेगी।
8. फुल एंड फाइनल सेटलमेंट की अवधि अब बढ़ी
यह फैसला थोड़ा विवादास्पद माना जा रहा है।
पहले जब कोई कर्मचारी कंपनी छोड़ देता था, तो 2 महीने बाद वह फुल एंड फाइनल पीएफ सेटलमेंट कर सकता था।
अब EPFO ने इसे बदलकर कर दिया है —
- फुल एंड फाइनल सेटलमेंट के लिए 2 महीने → 12 महीने (1 साल)
- पेंशन निकालने की अवधि 2 महीने → 36 महीने (3 साल)
यानी अब आप पूरा पीएफ या पेंशन तुरंत नहीं निकाल पाएंगे।
EPFO का कहना है कि अगर ज़रूरत है तो एडवांस विड्रॉ का विकल्प तो है ही, इसलिए फुल विड्रॉ की जल्दी नहीं करनी चाहिए।
9. कर्मचारियों में मिला–जुला रिएक्शन
जहां कुछ कर्मचारियों ने EPFO की इस नई नीति को “स्मार्ट और आसान” बताया है,
वहीं कई लोगों को फुल एंड फाइनल सेटलमेंट की अवधि बढ़ाने से नाराज़गी भी है।
लोगों का कहना है कि —
“अगर किसी को नौकरी छोड़ने के बाद पैसों की सख्त जरूरत है,
तो उसे पूरा पीएफ निकालने से क्यों रोका जाए?”
हालांकि, EPFO का तर्क है कि इससे मेंबर्स का लॉन्ग टर्म बेनिफिट सुरक्षित रहेगा।
10. सर्कुलर जारी होने का इंतजार
फिलहाल ये फैसले प्रेस रिलीज के जरिए घोषित किए गए हैं।
EPFO का ऑफिशियल सर्कुलर आने के बाद ही ये नियम पूरी तरह लागू होंगे।
इसलिए अभी कुछ पॉइंट्स पर क्लैरिटी बाकी है, जैसे कि –
“अगर 100% निकालने की अनुमति है, तो फिर 25% बैलेंस मेंटेन कैसे किया जाएगा?”
इस पर सही जवाब तब मिलेगा जब EPFO का नया सर्कुलर जारी होगा।
अंतिम निष्कर्ष
ईपीएफओ की 238वीं सीबीटी मीटिंग से जो बातें सामने आई हैं,
वे पीएफ अकाउंट होल्डर्स के लिए बड़ी राहत और कुछ हद तक नई जिम्मेदारी भी लेकर आई हैं।
मुख्य पॉइंट्स को एक लाइन में समझिए:
एडवांस पारा घटाकर सिर्फ 3 किया गया
एजुकेशन के लिए 10 बार, शादी के लिए 5 बार विड्रॉ
सिर्फ 1 साल की सर्विस में एडवांस विड्रॉ संभव
100% ऑटो क्लेम सेटलमेंट
25% बैलेंस मेंटेन करना जरूरी
फुल एंड फाइनल सेटलमेंट अब 12 महीने बाद
पेंशन निकासी अब 36 महीने बाद