“धड़कनों की रफ्तार बढ़ गयी थी! – जब भारतीय महिला टीम ने दिया 289 रन का पीछा, लेकिन 6 गेंदों में 14 रन चाहिए थे…”
क्रिकेट के मैदान पर कभी-कभी ऐसा मुकाबला देखने को मिल जाता है, जिसे “दिल थाम के बैठ जाना” कहें तो कम होगा। ऐसा ही एक मुकाबला हमें मिला है — वो था ICC Women’s Cricket World Cup 2025 में India women’s cricket team और England women’s cricket team के बीच हुआ संघर्ष, जो 19 अक्टूबर 2025 को Holkar Cricket Stadium, इंदौर में खेला गया।

मुकाबले की पिच‑स्थिति और शुरुआत
इंदौर की पिच बल्लेबाजी‑अनुकूल थी। इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुन ली और बड़ी पारी का लक्ष्य बनाया।
‑ पावरप्ले में इंग्लैंड ने शुरुआत ली।
‑ भारत की गेंदबाजी को शुरुआत में कुछ राहत थी, लेकिन मध्य ओवरों में गेंदबाजों ने वापसी की कला दिखाई।
इंग्लैंड की पारी – 288/8, एक शतक ने मोर्चा तय किया
इंग्लैंड की पारी में दो बड़ी बातें बनीं: एक शानदार शतक और भारत की मध्य‑ओवर वापसी।
Heather Knight ने 91 गेंदों में 109 रन बनाए — एक ऐसा पारी जो इंग्लैंड को मजबूती दिलाई।
- Amy Jones ने भी 56 रन की पारी खेली, जिससे शुरुआत मजबूत हुई।
- भारत की गेंदबाजी ने अंत में अच्छी वापसी की थी: Deepti Sharma ने 4 विकेट लिए (4‑51) और Sree Charani ने 2 विकेट।
- इंग्लैंड ने 50 ओवर में 8 विकेट खोकर 288 रन बनाए।
इस तरह भारत के सामने 289 रन का लक्ष्य आ गया — जो कि किसी भी टीम के लिए आसान नहीं था।
भारत का चेज़ – जब उम्मीद ने उड़ान भरी
भारत ने इस चुनौती को स्वीकारी और शुरुआत से ही जज़्बा दिखाया।
- Smriti Mandhana ने शानदार 88 रन बनाए – 94 गेंदों पर, आठ चौकों के साथ।
- Harmanpreet Kaur ने 70 रन की पारी खेली।
- इसके बाद Deepti Sharma ने फिर से पिच पर दस्तक दी – इस बार बल्ले से – एक अहम 50 रन की पारी।
- भारत ने उम्मीद जगाई थी: 42.5 ओवर में 241/4 तक पहुँच गया था, लक्ष्य का पीछा सहज दिखने लगा था।
आखिरी ओवर तक रोमांच – लेकिन कबने पलटा?
यह वही क्षण था जब स्टेडियम में सबकी धड़कनें बढ़ गयी थीं। भारत को सिर्फ 14 रन चाहिए थे 6 गेंदों में — जीत बेहद करीब थी।
पर टूर्नामेंट‑क्रिकेट में हर गेंद का अपना महत्व होता है।
- इंग्लैंड ने आखिरी ओवर में जबरदस्त दबाव बनाया।
- भारत ने छोटे‑छोटे रन लिए लेकिन बड़े शॉट नहीं लगाए।
- अंत में भारत 284/6 पर रुक गया। यानी जीत से सिर्फ 4 रन पीछे रह गया।
इस तरह से एक रोमांचक लेकिन दिल टूटने वाला हार भारत को सहनी पड़ी।
इस मुकाबले की बड़ी बातें
यह मुकाबला सिर्फ एक उपयुक्त स्कोर और पीछा नहीं था — इससे भी परे था। कुछ मुख्य बातों को देखें:
- मानसिक दबाव का खेल – भारत ने लगभग जीत की ओर कदम बढ़ा लिए थे, लेकिन अंग्रेज टीम ने निभाया शांत‑सहज रवैया। उन्हें आखिरी ओवर में संयम दिखाना पड़ा।
- मिडल ओवर चेंज – इंग्लैंड की शुरुआत अच्छी थी, लेकिन भारत ने मिडल ओवर में वापसी की और पारी को रोका। फिर इंग्लैंड ने फिर से बढ़त ली।
- बल्लेबाजी‑ठहराव वक्त – भारत की दो बड़ी शत‑परिस्थितियाँ बनीं (Mandhana & Harmanpreet) लेकिन अंतिम क्षणों में स्ट्राइक रोटेशन और बड़े शॉट की कमी महंगी पड़ गई।
- गेंदबाजी‑नियंत्रण – इंग्लैंड ने अंत में बेहतर नियंत्रण दिखाया, खासकर उस आखिरी ओवर ने बड़ी भूमिका निभाई।
- आज का दौर महिला क्रिकेट के लिए – यह मुकाबला यह दिखाता है कि महिला क्रिकेट किस गति से रोमांचक हो रहा है। आम दर्शक को भी अब ऐसे मैच देखने को मिल रहे हैं जिनमें बार‑बार ‘संजय गप्ता’ (चोट‑चोट) नहीं बल्कि ‘हॉट‑स्टोरी’ बन रही हैं।
हार के बावजूद भारत ने क्या दिया संदेश?
– भारत ने दिखा दिया कि बड़ी पारी का पीछा करने का हौसला अब उनमें है।
– युवा तथा अनुभवी दोनों मिलकर जिम्मेदारी ले सकते हैं।
– हालांकि हार हुई, लेकिन इस तरह का संघर्ष विश्व‑स्तर पर टीम को आगे ले जाता है।
– दर्शकों ने भी टीम को पूरा समर्थन दिया — मैदान और टीवी स्क्रीन दोनों पर।
अब आगे क्या?
इस हार का अर्थ यह नहीं कि कहानी खत्म हो गई है। वास्तव में:
– इंग्लैंड ने अपनी जगह सेमीफाइनल में पक्की कर ली।
– भारत अब अपनी अगले मैच में जीत के साथ वापसी करना चाहेगी, ताकि सेमीफाइनल की राह फिर खुल सके।
– टीम को इस मैच से सीख लेनी होगी — खासकर अंतिम ओवर‑बल्लेबाजी और दबाव में विकेट नहीं खोने की रणनीति।
निष्कर्ष
यह मैच एक उत्सव‑मुकाबला था — जहाँ स्कोर, शॉट, विकेट, संयम और दबाव सब कुछ एक साथ थे। हार और जीत का फर्क सिर्फ कुछ गेंदों में नाप लिया गया।
हमने देखा:
- इंग्लैंड की कप्तानी, बल्लेबाजी, और अंतिम ओवर की संयमित गेंदबाजी।
- भारत की मेहनत, प्रतिभा और उम्मीदें।
- एक ऐसा खेल जिसने विश्व को दिखाया कि महिला क्रिकेट में अब “फॉर्मैल्टी” नहीं बल्कि कठिन मुकाबला हो रहा है।
हर हार में सीख है, और हर सीख से अगली जीत की नींव बनती है। भारतीय महिला टीम ने इस मैच में अपने हुनर को दिखाया — अब अगला कदम है उस हुनर को “जीत” में बदलना।
अगर चाहें, तो मैं इस मैच के ओवर‑बाय‑ओवर विश्लेषण या खिलाड़ियों की व्यक्तिगत पारी समीक्षा भी लिख सकती हूँ। क्या आप चाहेंगी?